उत्तराखंड में नए स्टार्टअप रफ्तार भरेंगे। अगले पांच साल में 1000 नए स्टार्टअप तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। इन स्टार्टअप को खड़ा करने के लिए राज्य सरकार युवा उद्यमियों का सहारा बनेगी। इसमें नई स्टार्टअप नीति अहम भूमिक निभाएगी। हाल ही में प्रदेश मंत्रिमंडल ने स्टार्टअप नीति को मंजूरी दे दी है। पहले चरण में सरकार ने 144 स्टार्टअप को मान्यता दी है। सरकार की योजना राज्य के युवाओं को उद्यमी बनाने के लिए नया वातावरण देने की भी है। केंद्र सरकार ने भी अपने बजट में कृषि क्षेत्र के नए स्टार्ट अप को आगे लाने की योजना तैयार की है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने भी अपनी स्टार्ट नीति में प्रावधान किए हैं।
स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने 200 करोड़ का वेंचर फंड तैयार करेगी। इससे नवाचार आइडिया पर बिजनेस शुरू करने के लिए युवा उद्यमियों को सरकारी स्तर पर फंड मिल सकेगा। अभी तक स्टार्टअप को वेंचर निवेशक ही वित्तीय सहायता उपलब्ध कराते थे। अलावा स्टार्टअप को दिए जाने वाले प्रोत्साहन व वित्तीय सहायता में बढ़ोतरी की है। ग्रैंड चैलेंज पुरस्कार में विजेता नवाचार आइडिया को दी जाने वालेपुरस्कार राशि को 50 हजार से बढ़ा कर दो लाख किया गया। सरकार स्टार्टअप तैयार करने में ही मदद नहीं करेगी बल्कि उन्हें बाजार भी उपलब्ध कराएगी। यदि कोई स्टार्टअप कंपनी क्रय वरीयता नीति में पंजीकरण होती है तो सरकारी विभाग 10 लाख तक सीधे उस स्टार्टअप से खरीद कर सकते हैं। मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को एक साल तक निशुल्क इन्क्यूबेशन की सुविधा दी जाएगी। यदि कोई स्टार्ट कंपनी अपने दो उत्पादों का पेटेंट कराना चाहती है, तो इसके लिए सरकार एक लाख रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक वित्तीय सहायता देगी। साथ ही स्टार्टअप कंपनी के उत्पाद को ट्रेड मार्क लेने के लिए सरकार की ओर से प्रति ट्रेडमार्क 10 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। उत्पादों काडिजाइन कराने के लिए नीति में 10 हजार की सहायता देने की व्यवस्था की गई। सरकार का जोर समाज में विभिन्न कारणों से उपेक्षित वर्ग के लोगों को भी उद्यमी बनाने पर भी है। इसके लिए नीति में खास प्रावधान किए गए हैं। नीति में महिलाओं के अलावा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य वर्गों के लोग यदि स्टार्टअप कंपनी बनाएंगे तो सरकार ने उन्हें 12.5 लाख रुपये तक की मदद करेगी। सरकार की योजना है कि स्कूल-कॉलेज से ही बच्चों में उद्यमी बनने को प्रेरित हों। इसके लिए नई नीति में स्कूल व कॉलेजों के साथ ही जिला स्तर पर नवाचार उद्यमिता को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे नये नवाचार आइडिया को सरकार प्रोत्साहित करेगी।