01/11/2022, बागेश्वर: जिलाधिकारी से मिले आश्वासन के बाद जिला पंचायत के विपक्षी सदस्यों ने फिलहाल अपना धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम स्थगित कर दिया है। तीन दिन तक उन्हें संतोषजनक उत्तर नहीं मिला तो वह दोबारा आंदोलन शुरू करेंगे। सदस्य बजट आवंटन से लेकर अनुमोदन बैठक में कोतवाल तथा एसडीएम की भूमिका से नाराज हैं। उन्होंने डीएम को ज्ञापन सौंपकर निष्पक्ष जांच की मांग की है।
मालूम हो कि जिला पंचायत उपाध्यक्ष समेत विपक्षी सदस्य जिला पंचायत अध्यक्ष की भूमिका को लेकर नाराज चल रहे हैं। उनका आरोप है कि उनके साथ विकास कार्य के लिए मिलने वाले बजट आवंटन में भेदभाव बरता जा रहा है। इसके विरोध में उन्होंने गत दिनों आयोजित अनुमोदन बैठक में इसका विरोध किया था। इसके बावजूद नौ करोड़ का बजट पास हो गया। इस मामले में जिला पंचायत अध्यक्ष ने एसडीएम को फोन पर बताया कि उनके कर्मचारियों को विपक्षी सदस्यों ने बंधक बना लिया है।
इसके बाद एसडीएम ने कोतवाल को मौके पर भेजा। सदस्यों का आरोप है कि कोतवाल कैलाश नेगी ने उनके महिला सदस्यों समेत अन्य सदस्यों के साथ सदन में अभद्रता की। इस मामले कोतवाल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। एसडीएम की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए। विरोध में एक नवंबर से जिला पंचायत पसिर में धरना देने की चेतावनी दी थी। इस बीच प्रशासनिक बदलाव के चलते डीएम रीना जोशी का तबादला हो गया और जिले में नई डीएम अनुराधा पाल आ गईं। मंगलवार को सदस्यों का धरना प्रस्तावित था। धरने में बैठने से पहले सदस्यों ने मामले से डीएम को भी अवगत किया और ज्ञापन सौंपा। डीएम के आश्वासन के बाद वह सदस्यों ने आंदोलन स्थगित कर दिया है। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला तो वह दोबारा आंदोलन करेंगे। ज्ञापन सौंपने वालों में जिपं उपाध्यक्ष नवीन परिहार, पूर्व जिपं अध्यक्ष हरीश ऐठानी, इंद्रा कोरंगा, गोपा धपोला, वंदना ऐठानी, पूजा शर्मा, सुरेश खेतवाल, रेखा देवी आदि शामिल थे।