बागेश्वर जिले में नशे के कारोबार पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। जिले में लगभग हर महीने चरस और स्मैक पकड़ी जाती है। केवल पिछले 19 महीने के आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में करीब छह किलो चरस और 263 ग्राम स्मैक पकड़ी जा चुकी है।
एसपी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2021 में जिले में स्मैक तस्करी के 26 मामले पकड़ में आए और करीब 170 ग्राम स्मैक बरामद हुई। वर्ष 2021 में चरस तस्करी के 13 मामलों में करीब 2.90 किलो चरस बरामद हुई। वर्ष 2022 में अब तक स्मैक तस्करी के छह मामले सामने आ चुके हैं। 93 ग्राम स्मैक बरामद हुई है। चरस तस्करी के भी इस साल 11 मामले सामने आ चुके हैं। 2.80 किलो चरस पकड़ी जा चुकी है।
तेजी से फैलते नशे के कारोबार की गिरफ्त में युवा पीढ़ी आ रही है। खास बात यह है कि स्मैक के धंधे में अधिकतर युवा लिप्त पाए जाते हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि युवा किस कदर नशे और नशे के गोरखधंधे की दल-दल में धंसते जा रहे हैं। पुलिस चरस और स्मैक तस्करी के भंडाफोड़ करने के लिए अक्सर अभियान चलाती है। नशे के कारोबारी पुलिस की गिरफ्त में भी आते हैं लेकिन नशे के कारोबार पर पूरी तरह से अंकुश नहीं लग पाता।
पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव का कहना है कि जिले में नशे के कारोबार को हतोत्साहित करने के लिए लगातार अभियान चलाया जाता है। पुलिस के साथ ही एसओजी की टीम लगातार छापा मारती है। तस्करी में लिप्त लोगों को पकड़ा जाता है। युवा पीढ़ी, विद्यार्थियों और अभिभावकों को नशे के दुष्परिणामों को लेकर जागरूक किया जाता है।