उत्तराखंड शासन ने पिंडारी ट्रैकिंग रूट को ट्रैक ऑफ द ईयर घोषित किया है। इसके तहत अक्तूबर में देश-प्रदेश के 100 ट्रैकर पिंडारी ग्लेशियर की ट्रैकिंग करेंगे। बुधवार को एक बैठक में डीएम रीना जोशी ने लोनिवि कपकोट डिवीजन के ईई संजय पांडेय को ट्रैक रूट की मरम्मत का कार्य शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए। कहा कि ट्रैकिंग रूट को दुरुस्त करने के लिए लोनिवि के कपकोट डिवीजन को 27 लाख की रकम जिला योजना से जारी कर दी गई है।
बैठक में वर्चुअल माध्यम से जुडे़ अपर कार्यकारी अधिकारी साहसिक पर्यटन उत्तराखंड अश्विन पुंडीर ने डीएम से पिंडारी ट्रैकिंग के लिए सुरक्षा व्यवस्था, एसडीआरएफ की तैनाती और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। डीएम ने कहा कि ट्रैकिंग के दौरान पूर्ण सहयोग दिया जाएगा।
कपकोट में एसडीआरएफ की यूनिट तैनात है। ट्रैकिंग के दौरान पुलिस, मेडिकल व्यवस्था और सेटेलाइट फोन उपलब्ध कराए जाएंगे। डीएम ने अपर कार्यकारी अधिकारी साहसिक पर्यटन को विभिन्न माध्यमों से पिंडारी ट्रैकिंग का प्रचार-प्रसार करने को कहा। कपकोट के चिह्नित स्थानों का भ्रमण कर सर्वे करने के साथ ही स्थानीय लोगों को पैराग्लाइडिंग, रॉक क्लाइंबिंग, टूरिस्ट गाइड का प्रशिक्षण दिलाने को कहा। बैठक में सीडीओ संजय सिंह, डीएफओ हिमांशु बागरी, कपकोट के एसडीएम पारितोष वर्मा, एसीएमओ डॉ. एनएस टोलिया, जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ति आर्या आदि थे।
बदहाल ट्रैकिंग रूट को सुधारना चुनौती
पिंडारी ट्रैकिंग रूट वर्ष 2013 की जलप्रलय के बाद से दुरुस्त नहीं हो पाया है। दस साल बाद भी कपकोट का लोनिवि डिवीजन ट्रैकिंग रूट को ट्रैकिंग लायक नहीं बना पाया है। दस साल बाद इस साल की शुरुआत में द्वाली में 2013 में क्षतिग्रस्त झूलापुल के स्थान पर नए झूलापुल का निर्माण हो पाया है। द्वाली समेत कई स्थानों में ट्रैकिंग रूट बेहद खस्ता हालत में हैं।