बागेश्वर। सोशल मीडिया पर बुर्का पहनकर जातीं छात्राओं का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो सामने आने के बाद विश्व हिंदू परिषद ने मामले की जांच करने की मांग की है। विहिप ने विद्यालयों में ड्रेस कोड को सख्ती से लागू करवाने को कहा। ड्रेस कोड का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
शनिवार को राजकीय बालिका इंटर कॉलेज को जा रही छात्राओं का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। वीडियो में अधिकतर छात्राएं स्कूल ड्रेस पहने थीं, जबकि एक-दो छात्राएं बुर्का पहनकर उनके साथ चलती दिख रही हैं। वीडियो के वायरल होते ही विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जतानी शुरू कर दी है। विहिप के विभाग मंत्री पूरन सिंह रावत ने कहा कि विद्यालय में सभी विद्यार्थी एक समान होते हैं। स्कूल धर्म और जाति से परे रहकर कार्य करते हैं। स्कूलों का उद्देश्य सभी धर्म और जाति के बच्चों को एक समान शिक्षा देकर उनके भविष्य को संवारने में योगदान देना है।
कहा कि जिस तरह से वीडियो में स्कूल ड्रेस पहनकर स्कूल जातीं छात्राओं के साथ कुछ बालिकाएं बुर्का पहने जा रही हैं, उसका विहिप पुरजोर विरोध करता है। विद्या के मंदिर को धार्मिक गतिविधियों का अड्डा नहीं बनाया जाना चाहिए। अगर विद्यालय प्रबंधन और प्रशासन ने मामले की जांच नहीं की तो विहिप कार्यकर्ता आंदोलन करेंगे। हालांकि हम किसी भी वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करते है। वायरल वीडियो की जांच के बाद ही सत्यता सामने आएगी।
बागेश्वर के राईबांका की प्रधानाचार्य शोभा ने बताया कि विद्यालय परिसर में सभी छात्राओं को ड्रेस पहनकर आना होता है। बुर्का पहनकर स्कूल आने को कोई मामला नहीं है। विद्यालय के बाहर छात्राएं कुछ भी पहनती हों लेकिन विद्यालय गेट के भीतर सभी छात्राओं के लिए नियम समान हैं। विद्यालय में सभी छात्राएं स्कूल ड्रेस पहनकर आती हैं।
बागेश्वर के मुख्य शिक्षाधिकारी गजेंद्र सिंह सौन जिले के किसी भी विद्यालय के भीतर बुर्का पहनकर छात्राओं के आने का कोई मामला नहीं है। वायरल वीडियो का मामला संज्ञान में आने के बाद राबाइंका की प्रधानाचार्य से बात की गई। विद्यालय में बुर्का पहनकर कोई छात्रा नहीं आती है। हो सकता है छात्रा विद्यालय गेट से बाहर तक बुर्का पहनकर आती हो लेकिन विद्यालय के भीतर सभी छात्राएं स्कूल ड्रेस में ही आती हैं।