बागेश्वर। जनपद में खेती से जुड़ा कुमाऊं का पारंपरिक पर्व बिरूड़ पंचमी धूमधान से मनाई जा रही है। लोगों ने घरों में एक बर्तन में सात किस्म के अनाज को एक पोटली में भिगाया है। इस पोटली को गुरुवार को गौरा की पूजा के समय खोला जाएगा। शुक्रवार को गौरा को महेश के साथ बिरुड़ा अष्टमी के दिन बिदा किया जाएगा। इस दिन पहाड़ों में उत्पादन होने वाले हर अन्न का भोग भी लगाया जाता है। दो दिन तक महिलाएं व्रत रखकर मांगलिक गीतों का गायन करती हैं और आराध्यों की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद लिया जाता है।
Tushar Kandpal
संपादक