जिले में मानसूनी बारिश आफत बनकर बरस रही है। लाहुर घाटी में रात के समय हुई अतिवृष्टि का असर क्षेत्र के कई गांवों मे दिख रहा है। जगह-जगह भूस्खलन होने से मलबा भर गया है। बारिश से जिले में सात मकान क्षतिग्रस्त हो गए। खेत-खलिहानों में मलबा भरने से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। मलबा गिरने से बंद हुई जिले की छह सड़कों पर अब भी यातायात सुचारु नहीं हो सका है।
लाहुर घाटी क्षेत्र में बुधवार की रात को हुई अतिवृष्टि ने क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचाया है। बारिश से जखेड़ा निवासी गीता देवी पत्नी रमेश राम का घर ध्वस्त हो गया था। हादसे में घायल भागुली देवी, गीता देवी और किशन राम को अस्पताल ले जाना पड़ा, हालांकि उनकी चोट गंभीर नहीं थी। वहीं, लाहुर घाटी के जखेड़ा निवासी महेंद्र राम पुत्र प्रेम राम, गनीगांव निवासी सूरज सिंह पुत्र कुशल सिंह, गनीगांव के ही गोपाल राम पुत्र रतन राम के मकान क्षतिग्रस्त हो गए। परकोटी के रेवाधर पुत्र गोपाल दत्त का घर आंशिक क्षतिग्रस्त हुआ तो वज्यूला के हिम्मत राम पुत्र भवान राम की गोशाला भी बारिश की भेंट चढ़ गई। कपकोट तहसील के बैसानी निवासी रमेश राम पुत्र हर राम का मकान भी आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुआ है।
सुराग की ग्राम प्रधान चांदनी ने बताया कि बारिश से उनके घर में भी मलबा भर गया। सड़कें बदहाल हो गई हैं। लोगों के खेत मलबे से पटे हैं। कहा कि क्षेत्र में संचार की सुविधाएं नहीं होने से भी परेशानी हो रही है।
बारिश और भूस्खलन से जखेड़ा, गनीगांव, लमचूला, सिमगढ़ी, सुराग, भगदानू, छानीसेरा, नैकाना खुमटिया में कई संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं। तहसीलदार तितिक्षा जोशी , पटवारी प्रकाश सिंह ने शुक्रवार को लाहुरघाटी में भूस्खलन और बारिश से हुई क्षति का निरीक्षण किया।
पपोली गांव को जोड़ने वाला पैदल पुल गिरादुग नाकुरी तहसील के पपोली गांव को जोड़ने वाला पक्का पैदल पुल ध्वस्त हो गया है। पुल का एक हिस्सा नीचे गिर गया है। ग्रामीणों ने बताया कि मोटर मार्ग से गांव आने के लिए इसी पुल से आवाजाही की जाती थी। पुल के गिरने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बारिश के दिनों में गधेरा उफान पर होने के बावजूद लोगों को खतरा उठाकर आवाजाही करनी पड़ रही है।
कपकोट तहसील क्षेत्र में बृहस्पतिवार की रात से शुक्रवार की सुबह तक 75 मिमी बारिश हुई। भारी बारिश से क्षेत्र के 138 किसानों की फसल बर्बाद हो गई है। बैड़ामझेड़ा, बटालगांव, भयूं, बसकूना, जालेख, खटगेड़ा, रैंथल, ओखलधार, कुमतीरा और सीमा गांवों में 2.325 हेक्टेयर जमीन में बोई फसल मलबे से पट गई। फसल के बर्बाद होने से किसान मायूस हैं।
10 बंद सड़कों में चार पर ही खुला यातायात
शुक्रवार की सुबह जिले की छह सड़कों पर यातायात बाधित था। पूरे दिन विभागीय जेसीबी सड़कों से मलबा हटाने में लगी रहीं, लेकिन शाम तक केवल चार सड़कों को ही खोला जा सका। लाहुर घाटी की जखेड़ा-डाकघट, सलानी-गनीगांव, जिंतोली-सलगना-सलखन्यारी, कपकोट तहसील क्षेत्र की असों-बसकूना, शामा-नौकोड़ी और रिखाड़ी-वाछम मोटर मार्ग पर यातायात बाधित है। लाहुरघाटी को जोड़ने वाली सड़क क्षतिग्रस्त होने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चौपहिया वाहनों की आवाजाही बंद है। लोग जोखिम उठाकर दोपहिया वाहनों का संचालन कर रहे हैं।