बागेश्वर। विकास कार्यों के नाम पर धन की बर्बादी तरमोली-सेराघाट सड़क पर देखी जा सकती है। सात साल पहले काटी गई सड़क में आज तक वाहन तो नहीं चला, हां मार्ग में जगह-जगह झाड़ियां उग आई हैं। कई स्थानों पर पता ही नहीं चलता कि यह मोटर मार्ग है या कोई संकरा पैदल रास्ता।
2015-16 में कठपुड़ियाछीना के तरमोली से सेराघाट के लिए करीब एक करोड़ रुपये की लागत से 12 किलोमीटर सड़क का कटान किया गया था। सड़क के अंतिम डेढ़ किमी में मानकों की अनदेखी का आरोप लगा और विभाग ने ठेकेदार पर पेनल्टी लगा दी। जिसके बाद से सड़क का निर्माण कार्य अधर में लटक गया।
जिला पंचायत सदस्य असों चंदन सिंह रावत ने बताया कि सड़क का काम अधर में लटकने के बाद से कई बार क्षेत्रवासियों ने विभाग को सूचित किया। जल्द सड़क का निर्माण करवाकर डामरीकरण करवाने की मांग की, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। लोगों का कहना है कि विकास के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है, लोगों को अब भी सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है।
सड़क के डेढ़ किमी में मानकों के अनुसार कटिंग नहीं होने पर ठेकेदार को पेनल्टी लगी थी। तब से लगातार पत्राचार चल रहा है। सड़क की डिफेक्ट कटिंग के लिए जिला योजना को 20 लाख रुपये का प्रस्ताव बनाकर भेजा था। 10 लाख रुपये का बजट प्राप्त हो गया है। विगत दिनों सड़क का सर्वे कर लिया गया है। जल्द ही निविदा प्रक्रिया शुरू करवाकर डिफेक्ट कटिंग का कार्य करवाया जाएगा। कटान पूरा होने के बाद डामरीकरण की प्रक्रिया शुरू करवाई जाएगी।
-कैलाश आर्या, एई लोनिवि