बागेश्वर जिले में वनों के जलने का सिलसिला थम नहीं रहा है। पिछले तीन दिनों में कई स्थानों पर जंगल आग की चपेट में आए। वन विभाग के कर्मचारियों के चुनाव ड्यूटी में रहने के चलते फायर सर्विस की टीम आग बुझाने में जुटी रही। हालांकि वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस दौरान वनाग्नि की मात्र दो ही घटनाएं हुई हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान जिला मुख्यालय के समीपवर्ती जंगलों से लेकर दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के जंगल आग की चपेट में आए। बागेश्वर रेंज के खबडोली, पंद्रहपाली के जंगलों में आग लगी। कपकोट के जगथाना, फरसाली, असों, पोथिंग और फरसाली क्षेत्र के जंगल भी आग में झुलसे। कांडा क्षेत्र के धपोलासेरा क्षेत्र के जंगल में भी आग लगी। हालांकि वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अब तक वनाग्नि की केवल नौ घटनाएं दर्ज हुई हैं। वनाग्नि से अब तक 7.01 हेक्टेयर वन क्षेत्र जला है और 19,830 रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं लोगों का कहना है कि जंगलों में लगातार लग रही आग से वन संपदा को नुकसान हो रहा है। वन विभाग के कर्मचारियों के चुनाव ड्यूटी में व्यस्त रहने के चलते दमकल विभाग की सक्रियता बढ़ गई। फायर सर्विस के कर्मचारियों ने प्रभारी अग्निशमन अधिकारी गोपाल सिंह रावत के नेतृत्व में चंडिका मंदिर के समीप तक फैली आग को समय रहते काबू किया और मंदिर परिसर में नुकसान होने से बचाया। इधर, कपकोट में भराड़ी बाजार के पीछे की तरफ लगी आग को भी फायर सर्विस की टीम ने काबू कर बाजार की तरफ बढ़ने से रोका।
Tushar Kandpal
संपादक