बागेश्वर। दो नदियों से घिरे सुंदर नगर बागेश्वर की सड़कों के साथ नदी के तट भी अतिक्रमण से अछूते नहीं हैं। सरयू नदी में बड़े-बड़े भवन प्रशासन, सरकार के अतिक्रमण हटाने के एलान को हवाहवाई साबित कर रहे हैं। फड़-खोखा पर नगरपालिका, प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जाती है।
करीब 30 हजार आबादी वाला बागेश्वर नगर कई दशकों से अतिक्रमण की चपेट में है। नगर में राष्ट्रीय राजमार्ग अतिक्रमण की चपेट में है। सड़क की दीवारों के ऊपर पक्के निर्माण हैं। अतिक्रमण की बानगी गोमती पुल क्षेत्र, मालरोड समेत नगर में देखी जा सकती है। अतिक्रमण के कारण नगर में हाईवे सिकुड़ गया है। कई स्थानों पर दो वाहनों के पास लेने लायक जगह नहीं बची है। सड़कों के साथ सरयू नदी अतिक्रमण की चपेट में है। सरयू नदी के तट अतिक्रमण से अछूते नहीं हैं।
सीएम पुष्कर सिंह धामी सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने का एलान कर रहे हैं। जिला प्रशासन सख्ती से अतिक्रमण हटाने के निर्देश लगातार मातहतों को दे रहा है लेकिन पक्के अतिक्रमण हटाने की दिशा में सरकारी अमला कदम नहीं उठाता।
हाईकोर्ट के निर्देश पर चिह्नित हुए थे अतिक्रमण
बागेश्वर। वर्ष 2018 में हाईकोर्ट के निर्देश पर बागेश्वर नगर में प्रशासन और नगरपालिका की संयुक्त टीम ने नगर में अतिक्रमण चिह्नित किए थे। हाईकोर्ट ने अतिक्रमण के संबंध में जानकारी तलब की थी। नगर में डेढ़ सौ के करीब अतिक्रमण चिह्नित हुए थे। सूची हाईकोर्ट को भेजी गई लेकिन अतिक्रमण हटाने की जहमत प्रशासन ने नहीं उठाई।
अदालतों में भी चल रहे मामले
बागेश्वर। बागेश्वर नगर में सरयू तट समेत अन्य स्थानों पर किए गए अतिक्रमण के मामले न्यायालयों में विचाराधीन हैं। न्यायालयों में लंबित मामलों में कब फैसला आता है। इस पर लोगों की नजर है।
यातायात में बाधित अस्थायी अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए हैं। जिला विकास प्राधिकरण के अस्तित्व में आने के बाद नदी के 30 मीटर के दायरे में पक्का निर्माण नहीं किया जा सकता। स्थायी अतिक्रमण भी चिह्नित किए गए हैं। आने वाले समय में पक्का अतिक्रमण हटाया जाएगा। अनुराधा पाल डीएम बागेश्वर।