बागेश्वर। बागेश्वर-दफौट मार्ग की बदहाली से नाराज दफौट घाटी युवा संघर्ष समिति के सदस्यों ने सोमवार को प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर डीएम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने खनन से हो रहे खतरे को दूर करने, गड्ढों को भरने, सड़क किनारे पैरापिटों का निर्माण कराने की मांग की।
ग्रामीणों का कहना है कि कई साल से यह सड़क बदहाल है। पिछले वर्ष इस सड़क पर एक वाहन हादसे का शिकार हो गया था जिस कारण क्षेत्र के तीन युवाओं को जान गंवानी पड़ी थी। ग्रामीणों ने सड़क निर्माण के दौरान किसानों की जमीन को हुए नुकसान और काटी गई नाम भूमि का मुआवजा दिलाने, कौशल्या नदी क्षेत्र में हो रहे खनन से क्षेत्र को होने वाले खतरे का संज्ञान लेकर निरीक्षण करने की भी मांग उठाई। ज्ञापन देने वालों में ग्राम प्रधान उमेश सिंह, नरेंद्र सिंह, भरत सिंह, अर्जुन सिंह, भूपेश सिंह, दीप जोशी, पंकज रावत आदि मौजूद रहे।
एक साल पहले हुआ टेंडर, अब तक नहीं बना पुल
बागेश्वर। पिंडर घाटी के उंगिया-सोराग मोटर मार्ग में पड़ने वाली मोटर पुल की निविदा एक साल पहले होने के बावजूद अब तक पुल निर्माण नहीं हुआ है। पुल के नहीं बनने से सड़क का काम भी अधर में लटक गया है। सोराग के ग्रामीणों ने डीएम कार्यालय में प्रदर्शन के बाद कार्यालय में ज्ञापन सौंपकर पुल और सड़क का निर्माण कार्य पूरा करवाने की मांग की।
ज्ञापन में कहा कि 11 किमी लंबी इस सड़क का 50 फीसदी कार्य पूरा हो गया है लेकिन पिंडर नदी पर स्वीकृत पुल का काम अभी शुरू नहीं हुआ है। एक साल पहले पुल का टेंडर हुआ था जिसका निर्माण कार्य अक्तूबर 2022 मेें पूरा होना था। पुल का निर्माण नहीं होने से ग्रामीणों को 10 किमी की दूरी पैदल तय कर मोटर मार्ग तक जाना पड़ता है। वहां पर पार्वती देवी, देव सिंह, दीवान सिंह, बलवंत सिंह, जीवन दानू आदि थे।