बागेश्वर। कोषागार से वेतन का भुगतान करने और निगम का राजकीयकरण करने की मांग को लेकर पेयजल निगम कर्मचारियों ने विगत दिवस जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की गयी। कहा कि शासन-प्रशासन द्वारा उनकी मांगों की अनदेखी की जा रही है। कहा कि अगर दो माह से रुके वेतन का जल्द भुगतान और अन्य समस्याओं का त्वरित निदान नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन किया जायेगा। पेयजल निगम कर्मचारी लंबे समय से कोषागार से वेतन भुगतान करने और निगम का राजकीयकरण करने की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि कोषागार से वेतन नहीं मिलने के कारण अक्सर उन्हें समय पर वेतन का भुगतान नहीं किया जाता है। कई बार पांच से छह महीने तक बिना वेतन के गुजारा करना पड़ता है। पूर्व में भी कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर कई बार शासन को ज्ञापन भेजा। धरना-प्रदर्शन भी किए गए, लेकिन समस्याएं जस की तस बनी है। कर्मचारियों को पिछले दो महीने से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है। जिस कारण घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो रहा है। लंबित मांगों का संज्ञान नहीं लिए जाने से नाराज पेयजल निगम कर्मचारियों के प्रांतीय संगठन ने देहरादून में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। जिसके समर्थन में जिले के कर्मचारी धरना दे रहे हैं। संयोजक विशन सिंह रौतेला ने बताया कि निगम में तैनात फील्ड, मिनिस्टीरियल सहित सभी वर्ग के कर्मचारी आंदोलन पर हैं। कर्मचारियों ने कहा कि अगर जल्द सभी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आंदोलन को तेज किया जाएगा। धरने में अधिशासी अभियंता वीके रवि, विशन रौतेला, शंकर सिंह राणा, जितेंद्र सिंह, मीनू, बबीता पंत, जय शंकर, सीएस कर्नाटक,पूरन पांडेय,मनोज खड़का, चंदन दानू, भोजराज पंत, नरेंद्र धामी आदि मौजूद थे।
Tushar Kandpal
संपादक