1962 के चीन युद्ध के बाद सीमावर्ती प्रदेशों में एसएसबी ने स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण देना शुरू किया था। देश भर में हज़ारों की संख्या में गुरिल्ला प्रशिक्षण देकर देश की सेवा के लिए इन्हें तैयार किया गया। कुछ प्रदेशों में इन गुरिल्लाओं को राज्य सरकारों ने नौकरी दे दी लेकिन उत्तराखंड में आज भी ये स्वयंसेवक सरकार से आश लगाए बैठे है अल्मोड़ा ज़िले में करीब 100 और पूरे राज्य में करीब 5000 गुरिल्ला हैं । अल्मोड़ा कलेक्ट्रेट में बीते 4600 दिन से ये ट्रेंड गुरिल्ले धरना दे रहे है। लेकिन उत्तराखंड में सिर्फ वादे और आश्वासन और सरकारे पत्र लिखकर कोटपूर्ति का काम बखूबी कर रहे है।
Tushar Kandpal
संपादक