सीमांत जिला मुख्यालय होने के कारण बागेश्वर जिला अस्पताल में लोग दूर-दूर से इलाज कराने पहुंचते हैं। लेकिन जन औषधि केंद्र में उन्हें दवा ना मिलने से निराश होना पड़ता है। जिसके बाद लोगों को मार्केट से महंगी दवाइयां खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
बागेश्वर जिला अस्पताल में स्थित जन औषधि केंद्र शोपीस बनता जा रहा है। जन औषधि केंद्र में अधिकांश दवाइयों की कमी लंबे समय से बनी हुई है। जन औषधि केंद्र में न तो इंजेक्शन हैं और न ही सर्जिकल सामग्री उपलब्ध हैं। दवाइयां भी पर्याप्त नहीं होने से हर दिन सस्ती दवाइयों की आस लेकर आने वाले मरीजों को निराश होकर वापस लौटना पड़ रहा है। जिला अस्पताल परिसर में साल 2019 में जन औषधि केंद्र खुला था। हालांकि तब से लेकर अब तक लोगों को केंद्र से बेहतर सुविधा का इंतजार बना हुआ है। केंद्र खुलने के बाद से कई संचालक भी बदल गए लेकिन लोगों की सस्ती दवा खरीदने की आस पूरी नहीं हो सकी है। वर्तमान में भी केंद्र में दवाओं का टोटा बना है। जन औषधि केंद्र की रेंज में करीब 600 दवाइयां होती हैं। जिनके सापेक्ष जन औषधि केंद्र में करीब 90 प्रकार की दवाइयां ही केंद्र में उपलब्ध हैं। इनमें दर्द निवारक और बच्चों के उपचार जैसी प्रमुख दवाइयां तक नहीं हैं। इतना ही नहीं जन औषधि केंद्र में केवल एक प्रकार का इंजेक्शन हैं। बच्चों की कोई भी दवा नहीं है। बुखार की दवा है लेकिन कैल्शियम उपलब्ध नहीं है सर्जरी और मरहम पट्टी से संबंधित कोई सामग्री और उपकरण नहीं हैं। हार्ट की दवा है लेकिन रेंज कम हैं। पर्याप्त दवा नहीं होने से लोगों को बाजार से दवाइयां खरीदनी पड़ रही हैं। वहीं सीएमएस डॉ. वीके टम्टा ने बताया कि जन औषधि केंद्र के संचालक को कई बार नोटिस दिया गया है। लेकिन फिर भी उनके कार्य में कोई सुधार नहीं हुआ है।