उत्तराखंड वन विभाग के मुखिया राजीव भरतरी की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई है। हाल ही में राजीव भरतरी ने हाईकोर्ट के निर्देशों के क्रम में वन मुखिया का चार्ज लिया था। चार्ज लेने के दूसरे ही दिन शासन ने उनके अधिकारों को सीज कर दिया है। इस संदर्भ में राजीव भरतरी ने मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की है। वहीं राजीव भरतरी के साथ एक और आईएफएस अफसर है जिन्हें एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। शासन की तरफ से मानव संसाधन विकास और कार्मिक देख रहे आईएफएस अधिकारी मनोज चंद्रन से जिम्मेदारी वापस ले ली गई है। वन विभाग के मुखिया राजीव भरतरी ने कोर्ट के जरिए हॉफ की कुर्सी तो ले ली, लेकिन शासन से उनके खिलाफ आए एक आदेश ने उनकी मुश्किलों को बेहद ज्यादा बढ़ा दिया है। आपको बता दें कि कॉर्बेट नेशनल पार्क में अवैध निर्माण मामले में चार्जशीट होने के बाद उन्हें वन मुखिया की कुर्सी को गंवाना पड़ा था।
इसके बाद एक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार राजीव भरतरी ने हाईकोर्ट के निर्देशों के क्रम में 2 दिन पहले ही हॉफ (हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स) पद पाने में कामयाबी हासिल कर ली। लेकिन आज शासन ने इस मामले में एक नया आदेश जारी करते हुए राजीव भरतरी के तबादले और नीतिगत फैसला लेने से जुड़े अधिकारों को शासन के निर्णय के अधीन कर दिया। बता दें कि वन विभाग के मुखिया राजीव भरतरी ने आज इस संदर्भ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी सचिवालय में मुलाकात की और अपनी बात रखी। उन्होंने इसका खंडन किया। राजीव भरतरी ने कहा उनकी मुख्यमंत्री से सिर्फ शिष्टाचार भेंट हुई है। जो आदेश शासन की तरफ से दिया गया है, वे उन्हें स्वीकार है. राजीव भरतरी ने कहा हाई कोर्ट के निर्देशों के क्रम में उन्हें हॉफ बनाया गया है। जिसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का शुक्रिया अदा किया और शासन जिस भी तरह का निर्णय लेगा। वह उसके साथ होंगे। वहीं उत्तराखंड वन विभाग में राजीव भरतरी के साथ एक और आईएफएस अफसर है। जिन्हें आज शासन ने बड़ा झटका दिया है। शासन की तरफ से मानव संसाधन विकास और कार्मिक देख रहे आईएफएस अधिकारी मनोज चंद्रन से जिम्मेदारी वापस ले ली गई है। यही नहीं 1 दिन पहले 10 अधिकारियों के तबादलों को भी निरस्त कर दिया गया है। राजीव भरतरी के वन विभाग का मुखिया पद संभालने के बाद एक के बाद एक अपडेट सामने आ रहे हैं। एक तरफ जहां राजीव भरतरी के अधिकार सीज किए गए हैं तो। दूसरी तरफ एक और आईएफएस अधिकारी हैं। जिनको शासन ने बड़ा झटका दिया है। शासन की तरफ से आई एफएस अधिकारी मनोज चंद्रन से मानव संसाधन विकास और कार्मिक की जिम्मेदारी वापस ले ली गई है। इसकी जगह आपदा की जिम्मेदारी देख रहे, आईएफएस अधिकारी निशांत वर्मा को इसकी अतिरिक्त जिम्मेदारी दे दी गई है। बता दें कि 1 दिन पहले ही वन विभाग में 10 वन क्षेत्राधिकारीयों को नई पोस्टिंग दी गई थी और इसके बाद शासन में हड़कंप मच गया था। ऐसे में अब इन सभी नई पोस्टिंग को निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। साथ ही मनोज चंदन से मानव संसाधन विकास एवं कार्य की जिम्मेदारी वापस ले ली गई है।