उत्तराखंड में लगातार हाे रही बारिश मुसीबत बनती जा रही है। शुक्रवार की शाम चार बजे से जिले में बारिश का सिलसिला शुरू हुआ जो शनिवार की सुबह सात बजे तक रहा। 15 घंटे हुई लगातार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। आरे के पास काभड़भ्यौल के पास पहाड़ी दरकने से यातायात बंद हो गया।
गनीमत रही कि उस वक्त वहां पर एक भी वाहन नहीं था, वरना यह मार्ग सबसे अधिक व्यस्त मार्ग में एक है। छह घंटे बाद मलबा हटाया जा सका। जिले में 17 सड़कें बंद हो गई थी। शनिवार की सुबह करीब आठ बजे काभड़ भ्यौल की पहाड़ी दरकने लगी। देखते ही देखते पहाड़ टूटकर नीचे गिरने लगा। इस मंजर को लोगों ने अपने मोबाइल में कैद कर लिया और कुछ ही देर में वह वायरल भी हो गया।
इसके बाद प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। भारी मात्रा में मलबा आने से कपकोट, धरमघर जाने वाले वाहनों के पहिये जाम हो गए। इस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। लगातार हो रही बारिश से तीन मकान भी ध्वस्त हो गए हैं, हांलाकि अभी कहीं से भी किसी तरह की जनहानि की शिकायत नहीं है।
जखेड़ा पेयजल योजना ध्वस्त होने से नगर में कठायबाड़ा समेत अन्य स्थानों पर पानी का संकट गहरा गया है। उधर, भराड़ी के व्यापार मंडल के पूर्व अध्यक्ष शेर सिंह ऐठानी ने बताया कि शुक्रवार की शाम चार बजे से बिजली, पानी व बीएसएनएल की सेवा ठप है।
विधायक का भूस्खलन वाली पहाड़ी से दौड़ लगाने का वीडियो वायरल
कपकोट के विधायक सुरेश गड़िया दो दिन से रीमा के क्षेत्र भ्रमण पर थे। शनिवार की सुबह जैसे ही उन्हें पता लगा की बागेश्वर-कपकोट मोटर मार्ग बंद है तो वह वहां से बागेश्वर की ओर चले गए,लेकिन काभड़ भ्यौल के पास मार्ग बंद था। वाहनों की लंबी कतार लगी थी। विधायक गड़िया गाड़ी से उतरे और जिस पहाड़ी से मलबा गिर रहा था वहां से दौड़ लगाते हुए पार चले गए। इसका भी वीडियो वायरल हुआ है।
अल्मोड़ा-बागेश्वर में बारिश से 30सड़कें बंद
अल्मोड़ा जिले में बीते शुक्रवार देर रात हुई बारिश के चलते शनिवार को जन जीवन अस्त-व्यस्त् रहा। बारिश के चलते मलबा आने से दर्जन भर ग्रामीण सड़कों में यातायात बाधित रहा। नगर के धार की तुनी से सांई बाबा मंदिर को जोड़ने वाला लिंक मार्ग की सुरक्षा दिवार भी रानीधारा के पास क्षतिग्रस्त हो गई। जिससे लोगों को आवागमन में परेशानी झेलनी पड़ी। हालांकि शनिवार दोपहर बाद मौसम साफ होने से लोगों ने कुछ हद तक राहत की सांस ली।
दरअसल, बीते शुक्रवार को सुबह से मौसम ने करवट बदल ली। दिन भर आसमान बादलों से पटा रहा। जिसके बाद देर रात जिला मुख्यालय समेत कई स्थानों में झमाझम बारिश हुई। जिससे 13 ग्रामीण सड़कों पर यातायात ठप पड़ गया। इधर बारिश के चलते ताकुला ब्लॉक के किरड़ा, भकूना, झिझाड़, नाई-ढौल समेत धूराफाट को जोड़ने वाले बिनसर नदी में बनाया गया अस्थाई पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया। जिससे आधा दर्जन गांवों का मुख्य सड़क से संपर्क टूट गया। भारी बारिश के बाद कोसी नदी का भी जल स्तर एकाएक बढ़ गया। कोसी नदी में बाढ़ से शनिवार को नदी का जल स्तर 3629 क्यूस्क दर्ज किया गया।
मासी में 92 मिमी बारिश दर्ज की गई
बीते 24 घंटों में सबसे अधिक बारिश मासी में 92 एमएम दर्ज की गई। इसके अलावा जिला मुख्यालय में 36 एमएम, रानीखेत में 9.9 एमएम, द्वाराहाट में 28 एमएम, चौखुटिया में 32 एमएम, सोमेश्वर में 66 एमएम, भिकियासैंण में 84 एमएम, जागेश्वर में 46 एमएम, ताकुला में 68 एमएम, सल्ट में 48 एमएम बारिश दर्ज की गई।
रानीधारा के पास लिंक मार्ग की दीवार गिरी
अल्मोड़ा। बीते शुक्रवार देर शाम हुई बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है। बारिश के बाद धार की तुनी से सांई बाबा मंदिर को जोड़ने वाला लिंक मार्ग की सुरक्षा दिवार रानीधारा ग्रेस स्कूल के पास टूट गई है। पूर्व सभासद लक्ष्मेश्वर त्रिलोचन जोशी ने जल्द से जल्द सुरक्षा दीवार को ठीक करने की मांग की है।
भकूना के समीप बिनसर नदी में एक दशक से स्थाई पूल का निर्माण नहीं हो पाया है। जिससे बारिश में धूराफाट क्षेत्र के आधा दर्जन से भी अधिक गांव के ग्रामीणों को परेशानी झेलनी पड़ती है। कई बार मांग के बाद भी पूल का निर्माण नहीं हो पाया है। जल्द पूल का निर्माण नहीं होने पर जनता को लेकर विभाग के खिलाफ आंदोलन करना मजबूरी होगी।
महेश नयाल, जिंप सदस्य, अध्यक्ष धूराफाट संघर्ष समिति।