बागेश्वर। सेवा विस्तार और समायोजन करने की मांग को लेकर उपनल संविदा कर्मचारियों का आंदोलन जारी है। इस दौरान उपनल कर्मियों ने जोरदार नारेबाजी के बीच कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन किया। आरोप लगाया कि जब कोरोनाकाल चल रहा था तब उन्होंने अपनी जान पर खेलकर मरीजों की सेवा की और कोरोनाकाल में सेवाओं को बदस्तूर जारी रखा, बावजूद इसके शासन-प्रशासन उनका उत्पीड़न कर रहा है। कहा कि जब जरूरत थी तब उन्हें महामारी में धकेला दिया गया और अब जब कोरोना के मामलों में कमी आ रही है तो उन्हें हटाने की बात कही जा रही है। कोविड-19 संविदा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजय कनौजिया ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने जिले में 85 कर्मचारियों को कोरोना के बढ़ते संक्रमण की रोकथाम के लिए एनएचएम के तहत उपनल के माध्यम से तैनात किया था। दो साल की सेवा के बाद अब उन्हें सेवा से मुक्त करने की तैयारी की जा रही है। उन लोगों ने पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ जिम्मेदारियों का निर्वहन किया। इसके बावजूद उन्हें बेरोजगार करने का प्रयास किया जा रहा है। हड़ताली कर्मियों ने कहा कि अल्प मानदेय में काम कर रहे कर्मियों को हटाकर उनका जीवन संकट में डाला जा रहा है। वहां पर अंकित कुमार, दीपा देवी, अंकिता, दिनेश राम, सतीश चंद्र, आनंद प्रसाद, गोकुल रावत आदि थे।
Tushar Kandpal
संपादक